Monday, November 10, 2014

Railway Minister of India

Sh. Suresh Prabhakar Prabhu
Union Railway Minister

Assumed office
9 November 2014
Prime MinisterNarendra Modi
Preceded bySadanand Gowda
Personal details
Born11 July 1953 (age 61)
MumbaiMaharashtra
Political partyBharatiya Janata Party
Spouse(s)Uma Prabhu
Children1
ResidenceMumbai

Friday, June 6, 2014

Railway Minister of India



इस मंदिर में रात को ठहरने पर इंसान बन जाता है पत्थर का


जयपुर: राजस्थान की रेतीली धरती में कई राज दफन हैं जिन्हें जानकर आप भी चौंक जाएंगे। कुलधारा गांव और भानगढ़ का किला ऐसे ही रहस्यमय स्थानों में से एक है जो भूतहा स्थान के रुप में पूरी दुनिया में जाने जाते है। कुलधारा और भानगढ़ से अलग एक और रहस्यमय स्थान है। ये स्थान बारमेर जिले में किराडू का मंदिर है।

पूरे राजस्थान में खजुराहो मंदिर के नाम से प्रसिद्घ यह मंदिर प्रेमियों को विशेष आकर्षित करता हैं। इ मंदिर की खौफनाक सच्चाई है कोई जानने के बाद कोई भी यहां शाम के बाद ठहरने की हिम्मत नहीं करता। किराडू के मंदिर में ऐसी मान्यता है कि यहां शाम ढ़लने के बाद जो भी रह जाता है वह या तो पत्थर का बन जाता है या मौत की नींद सो जाता है। किराडू के विषय में यह मान्यता कई वर्षों से चली आ रही है। पत्थर बन जाने के डर से यहां शाम ढ़लते ही पूरा इलाका विरान हो जाता है। 

इस मान्यता के पीछे एक अजब दास्तान है जिसकी गवाह एक औरत की पत्थर की मूर्ति है, जो किराडू से कुछ दूर सिहणी गांव में स्थित है। वर्षों पहले किराडू में एक तपस्वी अपने कुछ शिष्यों की टोली के साथ पधारे थे। तपस्वी एक दिन शिष्यों को गांव में छोड़कर देशाटन के लिए चले गए। इस बीच शिष्यों का स्वास्थ्य खराब हो गया। गांव वालों ने इनकी कोई मदद नहीं की। तपस्वी जब वापस किराडू लौटे और अपने शिष्यों की दुर्दशा देखी तो गांव वालों को शाप दे दिया कि जहां के लोगों के हृदय पाषाण के हैं वह इंसान बने रहने योग्य नहीं हैं इसलिए सब पत्थर के हो जाएं।

गांव की एक कुम्हारन ने शिष्यों की सहायता की थी। तपस्वी ने उस पर दया करते हुए कहा कि तुम गांव से चली जाओ वरना तुम भी पत्थर की बन जाओगी। लेकिन याद रखना जाते समय पीछे मुड़कर मत देखना। कुम्हारन गांव से चली गई लेकिन उसके मन में यह संदेह होने लगा कि तपस्वी की बात सच भी है या नहीं वह पीछे मुड़कर देखने लगी और वह भी पत्थर की बन गई। सिहणी गांव में कुम्हारन की पत्थर की मूर्ति आज भी उस घटना की याद दिलाती है।
(Photo and Text from Punjab Kesri with thanks)